Valentine Day

वेलेंटाइन डे
कहते हैं जीवन में प्यार होना बहुत जरूरी है प्यार के बिना हमारा जीवन अधूरा सा रहता है प्यार से हमारे जीवन में आनंद और जीने की चाहत बनी रहती है जीवन में प्रेम होने से व्यक्ति हमेशा आनंदित महसूस करता है जहां दोस्ती होगी वहां वहां जरूर मिलेगा।
 कैसे हुई वैलेंटाइन डे की शुरुआत
कहते हैं बहुत समय पहले ईसाईयों का एक राजा हुआ करता था तो उसने अपने राज्य में सैनिकों का विवाह की मनाही कर रखी थी उसका मानना था कि विवाहित सैनिकों की तुलना में अविवाहित सैनिक देश की सुरक्षा के लिए अधिक सक्रिय हो सकते हैं यह सोचकर उसने विवाह पर पाबंदी लगा दी उस राज्य में एक वेलेंटाइन नाम के एक पादरी रहते थे उन्होंने चोरी-छिपे सैनिकों का विवाह करवाने लगे जब राजा को पता चला तो उन्होंने 14 फरवरी के दिन ही वेलेंटाइन को फांसी दे दी लोग इसे काले दिवस के रूप में मनाने लगे
 लोग इस दिन को भूले नहीं इसलिए 14 फरवरी को वेलेंटाइन के नाम से वेलेंटाइन डे हर साल मनाया जाने लगा उसकी याद को ताजा रखने के लिए लोग chocolate teddy और अन्य उपहार देकर मनाते हैं वैलेंटाइन डे
 वर्तमान में वैलेंटाइन डे
वेलेंटाइन  नाम सुनते ही हमारे मन में एक आम धारणा बन जाती है की प्रेम प्रसंग कोई लड़का लड़की आपस में प्यार करते हैं और इस दिन को मनाते हैं वर्तमान की फिल्मों को देखकर  आज कल स्कूल कॉलेजो में साथ मे पढ़ने वाले सहपाठी के साथ पहले दोस्ती होती है  फिर धीरे धीरे एक दूसरे के प्रति लगाव बढ़ता है ओर फिर वह प्रेम का रूप ले लेता है। यही हो रहा है आज कल वेलेंटाइन डे पर एक दूसरे को विस् करना । युवा लड़के और लड़कियां अपने विवाह तक के बारे में सोच लेते है जब लड़के तथा लडकी के घर वालो को पता चलता है तो उन्हें समाज के सामने शर्म से अपना सिर झुकना पड़ता है  अगर घरवाले उनका विवाह नही कराते है तो वो दोनों घर से भाग जाते है  इससे माता पिता को जीवन भर दुख उठाना पड़ता है
 क्या आप जानते है माता पार्वती ने भी किया था प्रेम विवाह ?
जिहा सही सुना आपने शिव जी की अर्धांगिनी माता पार्वती जी ने भी प्रेम विवाह ही किया था उन्होंने अपने पिताश्री महाराज दक्ष की आज्ञा के विरुद्ध शिव जी से विवाह कर लिया था इसी से क्रोधित होकर दक्ष ने कभी उन्हें अपने घर कभी नही बुलाया । एक बार जब माता पार्वती शिव जी से किसी बात से नाराज़ होकर अपने पिता के घर गयी तो वह देखा कि एक यज्ञ चल रहा है और वहां अपनी सभी बहनों व उन के पतियो को बुलाया गया है और उनका आसन लगा हुआ है जब उन्होंने अपने शिव जी का आसन नही देखा तो अपनी माँ से बात की म ने अपने पिता है बात करने को कहा जब पिता से बात की तो दक्ष ने कहा कि में ऐसे व्यक्ति को अपने यज्ञ में नही बुलाता जिसके गले मे सांप लोट रहै हो , मुजे अपनी हसि नही करवानी । जब पार्वती ने अपने पिता के मुख से ये कड़वे वचन सुने तो वो सहन नही कर पाई, एक तरफ पति नाराज़ ओर पिता के घर मे भी स्थान नही ये सोच कर पार्वती जी ने जो यज्ञ का बड़ा कुंड बना रखा था उस में कूद कर अग्नि में अपने प्राण त्याग दिए
इस तरफ आप समज रहे होंगे प्रेम विवाह कितना घातक है।
फिल्मों ने बिगाड़ी दुनिया
आज कल को तड़क भड़क वाली जो फिल्मे दिखाई जाती है उसका सबसे ज्यादा असर युवाओ पर पड़ता है वो देखा देखो करने लगते है अपने बालों को अलग अलग स्टाइल में कटवाना , मेकअप करना , परफ्यूम लगाना , अभद्र से कपङे पहनना ,  खुद को दूसरों से अलग दिखाने की चाह, होटलों में खाने के लिए जाना , महंगी महंगी गाड़ियों में घुमना, इत्यादि शौक बन गए है युवाओ के। समाज मे शर्म लाज नाम की कोई चीज़ नही रही है जो पहले लड़का लड़की छुप के मिलते थे वो अब खुले आम मिलते है आज कल तो बिना शादी के ही साथ रहने लगे जाते हैं ये सब फिल्मो से प्रेरित होते हैं
ये हमारी भारतीय संस्कृति के नाश में लगे हुए है पश्चिम की सभ्यता से आए हुए वेलेंटाइन का भारतीय सभ्यता में कही कोई स्थाम नही है ये कार्य भारतीय सभ्यता के विरूद्ध है
भारत में वैलेंटाइन डे का शुरू से ही विरोध होता है कुछ लोग इस दिन माता पिता दिवस तो कुछ शहीद भगत सिंह को  दिए जाने पर मनाते हैं Valentine Day से आज हमारे युवाओं में अश्लीलता और व्यभिचार घर करता जा रहा है जो युवा पहले छिपकर वेलेंटाइन डे मनाते थे वह आज खुले आम valentine day डे मना रहे हैं देखा जाए तो हमारी भारतीय संस्कृति में इसका कहीं भी प्रमाण नहीं है
 भगवान ने सब की जोड़ी बना रखी है  युवा अपनी कमजोरी के कारण सभ्य समाज को दुषित करते हैं विवाह करना अच्छा है लेकिन प्रेम विवाह गलत है हमारा समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता जब विवाह हो जाता है तब पता चलता है कि कितना तनाव रहता है विवाहित जीवन में विवाह की उम्र होने पर मां-बाप स्वयं विवाह करवा देते हैं
 मानवता का उत्थान
परिवार में सभी लोग अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देवे।  अपने बच्चों को सत्संग में ले जाएं ताकि वहां पर जाने से मन में अच्छे विचार विकसित हो सके शराब मांस तंबाकू आदि नशो से दूर रहे, माता पिता की आज्ञा से जहाँ परमात्मा की इच्छा से वही पर शादी करें जहाँ उनका संयोग जुड़ा है, दहेज रूपी दानव का भी होगा नाश हो ।
यदि आप भी अपने बच्चों को संस्कारी और सदाचारी बनाना चाहते हैं तो संत रामपाल जी महाराज के अमृत सत्संग जरूर सुनाएं और खुद भी सुने फिर आप अपनी आंखों से देखेंगे कि क्या परिवर्तन  होता है, अपना वास्तविक प्रेम परमात्मा में लगाए । संत रामपाल जी महाराज के अमृत ज्ञान को समझे और अपने जीवन को सफल बनाएं

 जीवन परिवर्तन करने वाली अनमोल पुस्तक      👇 
                                                              जीने की राह घर बैठे मुफ्त में प्राप्त करें इस नंबर पर अपना पूरा नाम पता मोबाइल नंबर कमेंट करें 74968 01825
साधना tv चैनल पर प्रतिदिन सुने रात्रि 7.30 बजे से
Visit करे www.jagatgururampalji.org

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शिक्षा वरदान या अभिशाप

कैंसर के कारण ओर इलाज

सन्त रामपाल जी महाराज के अद्वितीय कार्य