शिवरात्रि का व्रत कितना लाभदायक है?
शिवरात्रि का व्रत कितना लाभदायक है?
भगवान शिव को आराध्य देव मानने वालो के लिए एक विशेष पर्व है शिवरात्रि, आस्तिकों के लिए यह पर्व अलग अलग ही महत्व रखता हैं इस पर्व पर साधु सन्यासी ओर गृहस्थ लोग भी भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा अर्चना करते है सभी लोग अपनी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस दिन व्रत करते है ओर पूरे दिन कुछ भी खाते नही जटा धारी ओर नागा साधु अपना प्रथम गुरु शिव जी को मानते है शिवरात्रि का व्रत सभी शिव भक्त अपने अपने हिसाब से रखते है।
क्यो मनाते है शिवरात्रि
गृहस्थ लोग मानते है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का प्रथम मिलन हुआ था विवाह हुआ था, ओर इसी दिन भगवान शिव का जन्म दिवस भी मानते है
वही साधु महात्मा इस दिन शत्रु पर विजय प्राप्ति के उपलक्ष में मनाते है ।
शिवरात्रि का व्रत
शिवरात्रि हिंदुओ का एक प्रमुख पर्व है जिसे सभी लोग मानते है ओर शिव पार्वती के दर्शन करने मंदिरों में जाते है सभी लोग शिवरात्रि का व्रत अपने अपने तरीके से रखते है शिवरात्रि का व्रत सभी स्त्री पुरूष कर सकते है ये व्रत विशेषकर कुँवारी कन्याओं द्वारा सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखा जाता है सुहागिन औरते भी इस दिन व्रत करते है इसलिए कि उनके पति की उम्र लंबी हो कभी कोई कष्ट या दुख न आए जीवन मे ,
पुरुष भी इस दिन व्रत करते है ताकि अपने व्यापार नोकरी में प्रगति मिल सके शिव का आशीर्वाद मिल सके।
क्या लाभदायक है शिवरात्रि का व्रत
लोगो की मान्यता है की इस दिन व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते है जिससे उनके कार्य मे सफलता मिलती है
कुछ लोग ये भी मानते है कि शिवरात्रि का व्रत करने से हमें नरक में नही जाना पड़ेगा हमारे सभी पाप खत्म हो जाएंगे और हमारा मोक्ष होगा
जबकि
सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है भगवान शिव किसी भी साधक को सिर्फ उसका कर्म फल दे सकते है अपनी ओर से उस साधक के एक स्वास भी घटा ओर बढ़ा नही सकते भगवान शिव का भी जन्म और मृत्यु होता है भगवान शिव का शिवरात्रि का व्रत हमारे पापों को नही काट सकते।
गीता के अध्याय 6 श्लोक 16 में लिखा है व्रत करने से भक्ति असफल होती है भूखा मरने से भगवान भी खुश नही होते
इससे स्पष्ट है शिवरात्रि का व्रत करने से कोई लाभ नही है ये व्रत बिल्कुल भी लाभदायक नही है।
कैसे होगा हमारा मोक्ष?
गीता में प्रमाण है कि उस परमात्मा की शरण में जाकर तेरा पूर्ण छुटकारा हो जाएगा अर्थात जन्म मृत्यु से पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाएगी तथा गीता ज्ञान दाता काल भगवान कहता है कि मेरा भी वही पूज्य देव है 【गीता अध्याय नंबर 18 के श्लोक नंबर 62 , 66 तथा अध्याय 8 के श्लोक 8, 9, 10, 20, 21, 22】
पुर्ण परमात्मा एक है और उसी की पूजा करने से हमे सर्व लाभ मिलेंगे और हमारा मोक्ष भी होगा
जानिए कौन है वो पूर्ण परमात्मा जिसका कभी जन्म और मृत्यु नही होती वो ही सर्वश्रष्टी के रचयिता है
जो अपने साधक के यदि आयु भी समाप्त हो गयी और मृत्यु हो गयी है तो वह परमात्मा उसको जीवित कर 100 वर्ष की आयु दे सकता है
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